Saturday, September 20, 2014

बयान-ए-आशिक़

बिलावल के बयान पर हाय तौबा वाली बात ही नहीँ है चचा। असल मेँ बयान बिलावल ने नहीँ, "उसके अंदर के आशिक " ने दिया है।ये जरदारी के बेटे का नहीँ,हिना के दिवाने का बयान है:-)। चचा "कश्मीर" धरती का स्वर्ग यानि "जन्नत" कहलाता है। दुनिया का हर आशिक अपनी मेहबुबा के कदमोँ मेँ जन्नत रख देने का भोकाल टाईप डॉयलॉग देता आया है, आज बिलावल ने भी दे दिया तो कऊन जन्नत जाने लगा हमारे हाथ से:-)।देखिये सामान्यतः "आशिक" अपने आप मेँ एक मॉडिफायॅड सभ्रांत सुशील लुच्चा होता है।कहता ही है "ई कर देँगेँ,ऊ ला देँगेँ "। देखिये न आप ही नहीँ बोलेँ होँगेँ क्या "माँग मेँ तारे भर दुँगा, गर्दन मेँ सितारे लटका दुँगा":-Pपर कबो किये थे का ऐसा?नहीँ न। दुनिया के लाखोँ जोड़े आज भी रोज हमारे ताजमहल के आगे अपनी धनिया,रामप्यारी,कबुतरी,रूक्साना, जरीना,नगमा,बॉबी,मैरी,चेरी आदि अनादि का हाथ पकड़ के कहते आये हैँ " मैँ भी तुम्हारी याद मेँ ऐसा ही ताजमहल बनवाऊँगा "। पता करवा लिजिये कोई एक भी ट्रैक्टर ईँटा बालु गिरवाया क्या इस नाम पर:-)। सो जाने दीजिये दिवाने का बयान है, कश्मीर का वादा किया है,कश्मीरी पुलाव खिला देगा और समझा लेगा मेहबुबा को। एक बात जरूर जान लिजिये चचा,भारत हो या पाक या दुनिया मेँ कहीँ,विरासत की राजनीति मेँ "आवारा पागल दिवाना मस्ताना " ही पैदा होते हैँ, नेता नहीँ।। जय हो